ये मूलतः गीतकार हैं। बघेरा के दाऊ रामचंद्र देशमुख के ‘चंदैनी गोंदा’ में गीत लिखकर स्थापित हुए। कुछ समय तक स्कूल में अध्यापन किया। वर्तमान में राजकुमार कॉलेज रायपुर में 1988 से अध्यापन का कार्य। प्रकाशित पुस्तकें हमू बेटा भुइयां के, गंवई गंगा, धुनही बंसुरिया, माटी कहे कुम्हार से इत्यादि हैं। म्यूजिक इंडिया के अनेक गीतों पर कैसेट निकले। छत्तीसगढ़ फिल्म मोर छुइंया भुइंया के लिए गीत लिखे।