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मिट्ठाड़ी अम्मां / मीरा हिंगोराणी

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मूंते प्यारु लुटाए अम्मां,
खणी हंज विहारे अम्मां,

चोॼ मझांता थी चुमे अम्मां।
मूंते प्यारु...

ॾींह जो लोॾे हिंदोरे में,
लोलियूं खूबु ॿुघाए अम्मां।

छॾि तूं रुसण जी आदत पुट/,
प्यार मां इएं समझाए अम्मां।
मूंते प्यारु...

ॿुघाए कथाऊं नील/ परियुनि जूं,
उभ जी सैरु कराए अम्मां।
कड-हिं न करे कम में सुस्ती,
चुस्तु-फुर्तु रहे अम्मां।

सॼे जॻ खां आहे न्यारी,
मुहिंजी मिट्ठड़ी प्यारी अम्मां
मूंते प्यार लुटाए अम्मां।