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दावत / मीरा हिंगोराणी

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ॿुधी कोयल जो मिठड़ो गानो,
मोरु-मस्तु नचे थो,
नन्दूअ जे ढ़ोलक ते,
रिछु बि छम-छम कुॾे थो।

ठेंग-टप्पा ॾेई वणनि ते,
बांदरु उद्दम मचाए थो,
उसो त चहिकी चोॼ मंझां,
हाथी बि सूंढ़ि हिलाए थो।

झगंल में ॻायूं वाघाई,
अचो त खाऊं फिश फ्रिई,
घर कुमीअ जे शादी आभाई,
दावत सभिनि खे आई भाई।