परीलोक की कथा-कहानी
हँसकर मुझे सुनातीं मम्मी,
फूलों वाले, तितली वाले
गाने मुझे सिखातीं मम्मी।
खीर बने या गरम पकौड़े
पहले मुझे खिलातीं मम्मी,
होमवर्क पूरा कर लूँ तो-
टॉफी-केक दिलातीं मम्मी।
काम अगर मैं रहूँ टालता
तब थोड़ा झल्लातीं मम्मी,
झटपट झूठ पकड़ लेती हैं
मन-ही-मन मुसकातीं मम्मी।
रूठूँ तो बस बात बनाकर
पल में मुझे मनातीं मम्मी,
बड़ा लाड़ला तू तो मेरा-
कहकर मुझे रिझातीं मम्मी।