आसमान की कक्षा में
चाँद बना है टीचर,
तारों को वह पढ़ा रहा
हौले से मुसकाकर।
टिम्मक-टिम्मक तारे अपने
साथी लगे बुलाने,
छोड़ो खेल-कूद, शैतानी
टीचर लगे पढ़ाने!
दौड़े तारे जल्दी से
नन्हे-नन्हे पग धर!
झलमल-झलमल नई रोशनी
बाँटो इस दुनिया को,
कहता चंदा-मुसकानों से
नहला दो बगिया को।
हर क्षण को त्योहार बनाकर
गाओ, जीवन भर!
यह प्यारा-सा चित्र रोज
पलकों में उगता है,
जब भी सपनों में आता
जादू-सा जगता है।
मन करता, नीला अंबर
बन जाए मेरा घर!