Last modified on 16 फ़रवरी 2017, at 14:43

उलटा अखबार / प्रकाश मनु

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:43, 16 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=बच्च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

थामे बैठे हैं चिंटू जी
जब से आया है अखबार,
उलट-पुलटकर देख रहे हैं
घंटे बीत गए दो-चार।

मम्मी बोली-चिंटू प्यारे,
लगन तुम्हारी अपरंपार,
लेकिन कहना मानो बेटे,
सीधा तो कर लो अखबार!