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गुड़िया की शादी / श्रीप्रसाद

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कौन करे गुड़िया की शादी
गुड़िया हुई बड़ी
मैं हैरान रहूँ कितनी भी
चिंता किसे पड़ी

बड़ी हो गई है अब गुड़िया
है कितनी भोली
दिनभर मेहनत करती है
मीठी इसकी बोली

कविता कहती, गीत सुनाती
यह है बहुत पढ़ी

सज-धजकर रहती है मेरी
यह सुंदर गुड़िया
आती इसको हिंदी, अंग्रेजी
बंग्ला, उड़िया

जो आता है, हाथ जोड़कर
होती तुरत खड़ी

आखिर गुड़िया तो मेरी है
कौन करेगा क्या
सोच रही हूँ, मंजू लाई
गुड्डा आज नया

शादी करूँ उसी से-
मंजू भी है बहुत अड़ी

आएगी बारात बजेंगे
द्वारे पर बाजे
दावत में आएगी अंजू
अमिता, रवि, राजे

सबको खूब खिलाऊँगी
पूड़ी, पापड़, रबड़ी

गुड्डे के घर जाएगी
मेरी गुड़िया रानी
दादी इसको देंगी कपड़े
आएँगी नानी

साथ रहेगी गुड्डे के
घूमेगी पहन घड़ी
कौन करे गुड़िया की शादी
गुड़िया हुई बड़ी।