पसरल छैक चारुभर नितुआन सन आ कखनो क' दैत छैक हा'क अनचोके में कर' लगैत छैक आसमर्द, मुदा कहाँ कियो अकानय छैक ओकर निष्प्राण भेल अवाज मे पझायल सन बुत्ता के। बजै छलै कियो चौबटिया पर ठाढ़ भ' "मेरा भारत महान" साँच आकी झूठ से जानथि भगवान।