Last modified on 5 मार्च 2017, at 14:05

याचना / शारदा झा

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:05, 5 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शारदा झा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatMaithiliR...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

माँ हम किएक अधीर भेल छी
गति-अवगति के ज्ञान ने बूझल
जीवन पथ के बाट ने सूझल
देखिते देखिते बयस बीति गेल
तइयो ज्ञानक आँखि ने फूजल
हृदयक आशा अहींक देल छी
माँ हम किएक अधीर भेल छी
माँ छी अहाँ करुणा के सागर
ज्ञान बिंदु सँ भरि दिय' गागर
अज्ञानक खुट्टा सँ बान्हल
त्राहिमाम बलिकट्टा छागर
जीवन-मृत्यु सब अहींक खेल छी
माँ हम किएक अधीर भेल छी
नीक बेजाय मे मोन भरमायल
नेना बुझि अहाँ बाट देखाओल
चान तरेगन बनि क' हम्मर
हृदय मे आसक दीप जरायल
सुख-दुख माया क्षणक लेल छी
माँ हम किएक अधीर भेल छी