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एकांत-1 / विनोद शर्मा

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एकांत में
फुर्सत मिलते ही
घेर लेते हैं उसे कई लोग-
वे, जो उसे पता है, उससे घृणा करते हैं
और जिनसे वह घृणा करता है
वे भी।