अगर आपको किसी चित्र में
किसी युग के जननायक के
पांवों के निशान तो दिखाई पड़ें
मगर उन असंख्य लोगों के
पांवों के निशान न दिखाई दें
जो उस जननायक के पीछे-पीछे चलते रहे
करते रहे उसकी जयजयकार
लगाते रहे उसके गढ़े हुए नारे
तो समझ लीजिए
कि वह चित्र किसी चित्रकार ने नहीं
इतिहासकार ने बनाया है।