Last modified on 15 मार्च 2017, at 14:13

विडम्बना-3 / विनोद शर्मा

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:13, 15 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनोद शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=शब्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हमें यह भूल जाना चाहिए
कि अमरीका ने कभी गिराए थे
हिरोशिमा और नागासाकी पर अणुबम
कि क्या सलूक किया था नाजियों ने
यहूदियों के साथ?
कि कितने, कब और कहां हुए
हिन्दू-मुस्लिम दंगे अब तक?

हम सबकी भलाई भी इसी में है
वरना प्रतिशोध की आग
हमें उकसाती रहेगी पलटवार के लिए
और घटता रहेगा कुछ न कुछ भयावह
बार-बार

मगर हमें इन हादसों के बारे में
नई से नइ्र जानकारियां देने के बहाने
ले जाता है हमारा ध्यान बार-बार
इनकी तरफ इतिहास
और भूलने नहीं देता हमें इनका घटना
यह बात दीगरहै
कि खुद अपने अनुभव से
कुछ न सीखने वाला इतिहास
ऐसे हादसों को दोहराता भर है

मगर हमसे उम्मीद रखता है
कि हम इनसे सबक लेंगे
और इनके दोहराए जाने की संभावना
को समाप्त कर देंगे।