ड्राइंग-रूम के अमलतास को
नहीं पता है
बसंत के आगमन का!
पतझड़ में झर जाती हैं पत्तियाँ
दूर तक हवा में
उड़ते हैं पीले फूल!
मैं गमले में सजा
अमलताल नहीं हूँ
वसंत में चमकती हैं
मेरी पत्तियाँ
उड़ते हैं झालरदार
पीले फूल...
ड्राइंग-रूम के अमलतास को
नहीं पता है
बसंत के आगमन का!
पतझड़ में झर जाती हैं पत्तियाँ
दूर तक हवा में
उड़ते हैं पीले फूल!
मैं गमले में सजा
अमलताल नहीं हूँ
वसंत में चमकती हैं
मेरी पत्तियाँ
उड़ते हैं झालरदार
पीले फूल...