राजस्थान के ये पुतले
कब भाला रखकर ज़मीन पर
जंभाई लेंगे!
कब, हाथी पर बैठे राजकुमार
सड़क़ पर चलेंगे!
कब, घाघरा पहन गूजरी
मुँह फुलाए गणेश से कहेगी
‘आओ नाचो’।
थिरकते हुए पुतले
अब तोड़ रहे हैं ड्राइंगरूम का सन्नाटा
मैं सबके साथ हँस रहा हूँ...।
राजस्थान के ये पुतले
कब भाला रखकर ज़मीन पर
जंभाई लेंगे!
कब, हाथी पर बैठे राजकुमार
सड़क़ पर चलेंगे!
कब, घाघरा पहन गूजरी
मुँह फुलाए गणेश से कहेगी
‘आओ नाचो’।
थिरकते हुए पुतले
अब तोड़ रहे हैं ड्राइंगरूम का सन्नाटा
मैं सबके साथ हँस रहा हूँ...।