ताड़, खजूर, पौधे, तृण-
चले जा रहे हैं धरती से आकाश की ओर;
किरणें, वर्षा की बूँदें-
चली आ रही हैं आकाश से धरती की ओर;
सृष्टि में कब न रहे-
दलबदलू!
1970
ताड़, खजूर, पौधे, तृण-
चले जा रहे हैं धरती से आकाश की ओर;
किरणें, वर्षा की बूँदें-
चली आ रही हैं आकाश से धरती की ओर;
सृष्टि में कब न रहे-
दलबदलू!
1970