(बाबा नागार्जुन और त्रिलोचन के प्रति)
आपका जीना
हमारी जिन्दगी के
आप युग-युग तक जिएं
जिससे
जी सकें हम:
मधु-हलाहल
पी सके हम
जिन्दगी का!
(बाबा नागार्जुन और त्रिलोचन के प्रति)
आपका जीना
हमारी जिन्दगी के
आप युग-युग तक जिएं
जिससे
जी सकें हम:
मधु-हलाहल
पी सके हम
जिन्दगी का!