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क्षण / मंजुश्री गुप्ता

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चिंता भविष्य की
अतीत का गम?
अरे पगले होता
हर क्षण ही
हमारा पुनर्जनम
ये क्षण
जी रहे हैं, जिसमें हम सब
क्या न था कल -
भविष्य?
या न होगा कल -
अतीत?
संवरने से
इस क्षण के ही
संवरेगा यह जन्म
तो क्यों न
इस क्षण में ही
जीते रहे हम?