Last modified on 12 अप्रैल 2017, at 12:23

माँ / मंजुश्री गुप्ता

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:23, 12 अप्रैल 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मंजुश्री गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हर देश, हर जाति, हर धर्म
के बच्चे का
प्रथम शब्द...
म म म म...
मम्मी, मम्मा, अम्मा, माँ!
क्योंकि हर देश, हर जाति, हर धर्म में
एक सी
ईश्वर स्वरूप
संवेदनशील, ममतामयी
बच्चे की प्रथम पाठशाला
होती है - माँ
हर देश, हर जाति, हर धर्म के
मनुष्यों को
मुसीबत के समय
याद आती है
मातृभाषा और माँ।
हर देश, हर जाति, हर धर्म में
हर माँ के लिए उसका बच्चा
होती है सबसे सुन्दर कृति,
और हर बच्चे के लिए
दुनिया में सबसे ज्यादा सुंदर
होती है माँ!