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सूरीनाम हमारा / धीरज कंधई

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यह सूरीनाम हमारा है,
हमको प्राणों से प्यारा है।
है यहाँ वैलहैलमीना खड़ा हुआ,
सूरीनाम की उज्ज्वल धारा है,
यह सूरीनाम हमारा है।

क्या ही पहाड़ियाँ हैं न्यारी,
जिनमें सुन्दर झरने झारी।
शोभा में सबसे न्यारा है,
यह सूरीनाम हमारा है।

है हवा मनोहर डोल रही,
वन में त्वात्वा है बोल रही।
बहती सुगन्ध की धारा है,

यह सूरीनाम हमारा है।
जनमे थे यहीं जगरनाथ लक्षमन,
सूरीनाम के नेता बहुत बड़कन,
हुआ यहीं विश्व हिन्दी सम्मेलन,
व्हाइट बीच का श्याम किनारा है।
यह सूरीनाम हमारा है।

तन मन धन प्राण चढ़ाएँगे,
हम इसका मान बढ़ाएँगे।
जग का सौभाग्य सितारा है,
यह सूरीनाम हमारा है।