Last modified on 28 जून 2017, at 19:34

बगावत / रेखा चमोली

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:34, 28 जून 2017 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

खाली समय में भले मैं
टी वी पर फिल्में या सीरीयल देख लूँ
उन्हें नहीं होता कोई ऐतराज
उन्हें लगता है
ये बेहूदा और अश्लील दृश्य तो बने ही हैं
महिलाओं के लिए
और मददगार हैं
सत्ताओं के बने रहने में
पर अखबार या कोई किताब पढना
समय की बर्बादी लगती है उन्हें
कहीें मैं समझ न लूॅ उनके षडयन्त्रों को
और कर ना बैठूँ बगावत।