Last modified on 3 जुलाई 2017, at 20:53

बसन्त / रंजना जायसवाल

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:53, 3 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह=ज...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पतझर से
उजाड़ा गया मेरा
छोटा -सा बाग
प्रतीक्षा कर रहा है
विश्वास है उसे
संसार के
असंख्य वनों
उपवनों से
गुजरने वाला
बसंत
उसे भी नहीं भूलेगा