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निश्चित / स्वाति मेलकानी

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अगली बारिश
     शायद थोड़ी कम गीली हो
     पानी में इस बार बुलबुले कम उठते हैं
     सड़कें चौड़ी करने को मशीन आई हैं
     झरबेरी की झाड़ी कटकर दूर गिरी है
     तुम भी आखिर कब तक चलते
     संकरी पगडंडी में
     जो मुझ तक आती थी।
     अच्छा ही है सड़क बन गई
     और तुम्हारा जाना भी
     लगभग निश्चित था।