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पानी और पत्थर / इंदुशेखर तत्पुरुष

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पानी और पत्थर
चल पड़े साथ
बहते-बहते पत्थर
थक कर चूर-चूर
पसर गया अधबीच में।

पानी ने वहीं
पहुंचकर लिया दम
जहां उसे जाना था।