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मन / पंकज सुबीर

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मन!
अभी पूरी तरह
पिशाच नहीं हुआ है
इसीलिए
देख लेता है...
सुन लेता है...
सूँघ लेता है...
और बता भी देता है
कि...
देखा गया...
सुना गया...
सूँघा गया