ध्रुवदास
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जन्म | संवत् 1640 के आस-पास |
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जन्म स्थान | देवबन्द, उत्तर प्रदेश |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
श्री हितहरिवंश जी के शिष्य। अधिकतर वृंदावन ही में रहा करते थे। | |
जीवन परिचय | |
ध्रुवदास / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
ध्रुवदास जी गोस्वामी हितहरिवंश जी के शिष्य थे। श्री वृंदावन में रहते थे। इनके बनाए निम्नलिखित बहुत छोटे-छोटे ग्रंथ उपलब्ध हुए हैं: वृंदावनसत, सिंगारसत, रसरत्नावली, नेहमंजरी, रहसिमंजरी, सुखमंजरी, रतिमंजरी, वनविहार, रंगविहार, रसविहार, आनंददशाविनोद, रंगविनोद, निर्तविलास, रंगहुलास, मानरसलीला, रहसिलता, प्रेमलता, प्रेमावली, भजनकुंडली, बामनबृहत्पुराण की भाषा, भक्तनामावली, मनसिंगार, भजनसत, प्रीति चौवनी, रसमुक्तावली और सभामंडली। इनमें केवल तीन ग्रंथो के बनने का समय दिया है, अर्थात सभामंडली संवत् 1681 में बनी, वृंदावनसत 1686 में और रसमंजरी 1698 में बनी। इससे अनुमान होता है कि समय संवत् 1640 से 1770 के लगभग होगा। (भक्तनामावली के पृष्ठ 82 से)