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सवाल / रामदरश मिश्र

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चलते चलते राह में वह मिल गया
उसने मुझे नमस्ते किया
मैंने भी किया
गोकि उसे पहचानता नहीं था
”आपका नाम क्या है?“ उसने पूछा
मैंने बता दिया
”कहाँ के रहने वाले हैं?“
बता दिया
”घर में कौन-कौन हैं?“
बता दिया
”बच्चे क्या करते हैं?“
अब मुझे कोफ्त होने लगी थी
फिर भी बेमन से बता दिया
”बच्चों की शादियाँ हो गई हैं क्या?“
फिर बता दिया
वह और कुछ पूछे उससे पूर्व मैंने पूछ लिया
”आप कहाँ के रहने वाले हैं?“
उसने बता दिया
”ओह तभी“
उसने चौंक कर देखा और पूछा-
”क्या तभी“
”पूछिए, पूछिए और पूछिए
आप पूछने के सच्चे अधिकारी हैं“
पता नहीं वह समझा कि नहीं
लेकिन मैं उसे समझ गया था।
-28.4.2012