मैं बदरंग नहीं
सिर्फ बिछड़ा हुआ
रँग हूँ
तुम्हारी होली का
चलो
एक बार फिर
रँगों से खेले
होली
उम्मीदों से तो
खेल चुके
मैं बदरंग नहीं
सिर्फ बिछड़ा हुआ
रँग हूँ
तुम्हारी होली का
चलो
एक बार फिर
रँगों से खेले
होली
उम्मीदों से तो
खेल चुके