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महनभोग / मथुरा प्रसाद 'नवीन'

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पेट के
रोटी ले
हर हाथ के काम चाही
बटरी में अनाज
गठरी में दाम चाही
हमर तोहर
धरम के धक्का हइ
कि हमर तोहर
घर मिट्टी के
अउ ओकर पक्का हे
हम्ही देलियो हे
ओकरा ई रोग
कि ऊ
खा रहल हे
छिल-छिल के महनभोग