Last modified on 24 अप्रैल 2018, at 14:27

बरहरूपिया / मथुरा प्रसाद 'नवीन'

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:27, 24 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मथुरा प्रसाद 'नवीन' |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तों बरहरूपिया
बामन गुरू के चेला
भिनभिनाते रहला हे,
देह पर के
दुधिया मक्खी हौंक के
घिनघिनाते रहला हे
सबैया पढ़ो या हुट्ठा
हिसाब नै लगतो
पीठ बचावों कि पुट्ठा
ई भर-भर मुट्ठा नोट
कहिया तक
छहराबैत रहबा
छल सु छुट्टा?