Last modified on 18 मई 2018, at 18:39

नमामि गंगे / रामइकबाल सिंह 'राकेश'

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:39, 18 मई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामइकबाल सिंह 'राकेश' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जय कराल कलिकाल-काल संहारकारिणी,
जय असार संसार-शोकतमतुहिनहारिणी।
जय त्रिभुनविभविनी जय प्रणतार्तिनाशिनी,
जयति भोग-उपभोग-मोक्ष-परमार्थदायिनी।

जनलोचनपीयूषा जय कल्याणशोभना,
धरणिमण्डना, नक्रवाहना, लोकपावना।
त्रिविध अग्नियों में अर्न्हित रहनेवाली,
जय पृथिवी-पाताल-व्योम से जानेवाली।

जय-जय तीनों लोकों की आभूषणरूपा,
जय पापों की शत्रुस्वरूपा, पृथिवीरूपा।
जय रोगों की आषधिरूपा, जीवनरूपा,
सुरापगा जय अमृतस्रवा जय मंगलरूपा।