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चाँद / बालकृष्ण गर्ग

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धूप सूर्य से लेता चाँद,
हमें चाँदनी देता चाँद।
नाव रात की खेता चाँद,
है तारों का नेता चाँद।

[रचना : 16 मई 1996]