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रानी बिटिया / उषा यादव

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फ्रिज की सभी बोतलें खाली,
दौड़-दौड़ कर तुरत भरो।
देखो, मम्मी थकी हुई हैं
आकार उनकी मदद करो।

पड़े मेज पर जूठे बर्तन,
झटपट नाली पर धर दो।
छोटा भैया अगर चिढाता,
चलो, माफ उसको कर दो।

पापाजी क्यों बुला रहे हैं,
जाकर उनकी बात सुनो।
अच्छी बातें जितनी भी हैं,
रानी बिटिया, उन्हें गुनो।