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नई कहानी / संजीव ठाकुर

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नानी, नानी, कहो कहानी
कहो कहानी, नहीं पुरानी

यह मत कहना
एक था राजा
उसके हुए थे बेटे सात
जिस पर मन गुस्साता था
उसको झट देते थे लात!

कहो न नानी नई कहानी
नई कहानी कहो न नानी?

यह मत कहना
एक था राक्षस
डरते थे उससे सब लोग
अस्सी मन से ज्यादा खाना
रोज लगता था वह भोग!

नई कहानी कहो न नानी?
कहो न नानी नई कहानी!

यह मत कहना
नील देश से आईं परियाँ
छम-छम-छम करती थीं नाच
उजले-उजले कपड़े पहने
पंख लगाए पूरे पाँच।

नई कहानी कहो न नानी
जिसमें हो जीवन की वाणी!