तुम आत्मविश्वास खो चुके हो
इसीलिए कोई भी तुम्हें डरा देता है
प्रकृति भी तुझे डरा देती है
तुम ऐसा करो
तुम सबको डराना शुरू करो
और कुछ भी करना शुरू करो
कुछ नहीं करने से ही आदमी
आत्मविश्वास खोता है
और कुछ करने से ही आदमी
आत्म का और दुनिया का विश्वास पाता है
देखना
लोग खुद-ब-खुद तुमसे डरते चले जाएंगे
और प्रकृति भी तुम्हारी दासी बनती चली आएगी।