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धारा / अशोक कुमार

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यात्रा में दूरी होती है
यात्रा में समय भी होता है
यात्रा में गंतव्य भी

यात्रा में मुसाफिर भी होते हैं
और यात्रा पर बात करते हैं

हमने दूरी पर बात की
कि क्यों बढ़ गयी हैं दूरियाँ
कि दो जात और दो पाँत
थोड़ा अलग लगते हैं

दो धर्म और दो अधर्म
थोड़ा अलग दिखते हैं

दो व्यक्ति किन्हीं दो शक्तियों से
संचालित दिखते हैं

हमने समय पर बात की
कि अच्छा समय खराब क्यों दिखता है
या खराब समय अच्छा क्यों दिखता है

गंतव्य पर बात करते हुए
हम विचार धाराओं की गंगा में भी बहे
नालों में भी बहे
और इस बात पर सहमत थे
गंतव्य के अलग होने का कारण
अलग अलग शुरू की गयी यात्राएँ हैं

हालाँकि हम इस बात पर भी सहमत थे
गंतव्य अलग नहीं होने चाहिए

एक को उतरना था
उतरते उतरते
दूसरे से पूछ ही डाला
बंधु
विचार तो हमारे समान हैं
तुम्हारी विचार धारा क्या है।