Last modified on 1 सितम्बर 2018, at 15:13

बीजमंत्र / प्रज्ञा रावत

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:13, 1 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रज्ञा रावत |अनुवादक= |संग्रह=जो...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जितना सताओगे
उतना उठूँगी
जितना दबाओगे
उतना उगूँगी
जितना बन्द करोगे
उतना गाऊँगी
जितना जलाओगे
फैलूँगी
जितना बाँधोगे
उतना बहूँगी
जितना अपमान करोगे
उतनी निडर हो जाऊँगी
जितना प्रेम करोगे
उतनी निखर जाऊँगी।