अब कोई
दर्द नहीं खलता है
याद नहीं आते हैं रंग,
इन्द्रधनुषी रंग!
दूर, बहुत दूर
आसमानों में
परिस्थिति के पेंचों ने
काट दी
दुलार की
कुलाँचती
पतंग!
अब कोई
दर्द नहीं खलता है
याद नहीं आते हैं रंग,
इन्द्रधनुषी रंग!
दूर, बहुत दूर
आसमानों में
परिस्थिति के पेंचों ने
काट दी
दुलार की
कुलाँचती
पतंग!