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पद / 9 / श्रीजुगलप्रिया

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नैन सलौने खंजन मीन।
चंचल तारे अति अनियारे, मतवारे रसलोन॥
सेत स्याम रतनारे बाँके, कजरारे रँग भीन।
रेसम डोरे ललित लजीले, ढीले प्रेम अधीन॥
अलसौं हैं तिर छौहैं भौहैं नागरि नारि नवीन।
‘जुगल प्रिया’ चितवनि में घायल हौवै छिन-छिन छीन॥