Last modified on 19 सितम्बर 2018, at 15:38

पद / 10 / श्रीजुगलप्रिया

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:38, 19 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीजुगलप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

धरायो तबहिं बियोगी नाम।
जा दिन ते गुरुचरन चन्द्र नख अथये ललित ललाम।
ता दिन ते हों बिकल बावरो बसत बिरह के गाम।