अम्बर के कोरा कागज़ प
ललका रंग छिंटाइल बा,
सोना रंग सियाही से जी
सुन्दर भोर लिखाइल बा I
नीड़ बसेरन के कलरव के
सगरो तान छेड़ाइल बा,
अंधकार के कबर के ऊपर
आस उजास रेंड़ाइल बा I
मंद पवन मकरंद बनल बा
नीलकमल मुसुकाइल बा,
मोती रूप ओस धइले बा
गुलमोहर शरमाइल बा I
भानु बाल पतंग बनल बा
तितली दल इतराइल बा,
कोयल, संत, सरोज, बटोही
सबके मन अगराइल बा I