Last modified on 12 जून 2019, at 00:14

समाजवाद अइतई / जयराम दरवेशपुरी

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:14, 12 जून 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जयराम दरवेशपुरी |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चुप रहऽ बउआ समाजवाद अइतइ
बाऊ के ताल फेटा कौमरेड कहइतइ

खून अउ पसेना बड़ दिन बहइलूं
बहिया बैल बनल बनल ढेर दिन कमइलूं
हकमारी होतइ न´ सब खटतइ खइतइ

सबके माथे छपरी होतइ इंजोरा
शोषण के गठरी में लगतइ इंगोर
क्षमता भर खटतइ सब जरूरत भर पइतइ

अभी सब बिलार बनल दूध के अगोर
लूटपाट मचल हइ अपनइं झिकझोरा
जाके शौचालय में मुँहमा छुपइतइ

नेता सब नाकट हउ अफसर हउ बहिरा
सब के नचाबऽ अगड़धत्त बनरा
एक मति होलइ गन सुरधाम पठइतर।