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जीवन यात्रा / मुकेश निर्विकार

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समय की देग पर
यादों के खदकन
अहसासों की भाप
चाहतों की ऊष्मा
मर्यादाओं के दवाब
और...
और...
स्टीम इंजन की तरह
किसी जिंदगी का
यूँ ही....
यूँ ही....

चुपचाप बढ़ते जाना.....