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हत्यारी सदी में जीवन की खोज / मुकेश निर्विकार
Kavita Kosh से
हत्यारी सदी में जीवन की खोज
रचनाकार | मुकेश निर्विकार |
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प्रकाशक | समन्वय प्रकाशन, के0बी0 97, प्रथम तल, कवि नगर, गाजियाबाद-201002 (उ0 प्र0) |
वर्ष | 2017 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | |
विधा | कविता |
पृष्ठ | 136 |
ISBN | 9789384569464 |
विविध | उ0 प्र0 राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान लखनऊ द्वारा ‘जयशंकर प्रसाद पुरस्कार’ (01 लाख रू0 धनराशि) से सम्मानित कृति। |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
इस पुस्तक में संकलित रचनाएँ
- जीवन-यात्रा में वापसी नहीं होती / मुकेश निर्विकार
- सवाल पंचतत्त्वों से, जो मेरी देह पर दावा करते हैं! / मुकेश निर्विकार
- प्राण-यात्रा / मुकेश निर्विकार
- मनोबल / मुकेश निर्विकार
- तुमने नकारा मुझे / मुकेश निर्विकार
- स्वप्न और वजूद / मुकेश निर्विकार
- रोटी का प्रश्न / मुकेश निर्विकार
- बस अब देखते रहिए / मुकेश निर्विकार
- मेरे गर्दन गिलोटिन पर टिकी है / मुकेश निर्विकार
- फेरीवाला / मुकेश निर्विकार
- नववर्ष: उम्मीदों की खेती / मुकेश निर्विकार
- खिलौनों के कारखाने का मजदूर / मुकेश निर्विकार
- ज़माने के हाई-वे-पर / मुकेश निर्विकार
- मालियों पर कब किसी ने लिखे लेख... / मुकेश निर्विकार
- शांतिपान / मुकेश निर्विकार
- हे प्रभों, हाँ, तुम्हीं से! / मुकेश निर्विकार
- रोटी की परिधि पर निरन्तर घूमना मुझे... / मुकेश निर्विकार
- लोहे का ताप / मुकेश निर्विकार
- कलियुग में शील-सदाचार / मुकेश निर्विकार
- असीम-ससीम / मुकेश निर्विकार
- कैसे? आखिर कैसे? / मुकेश निर्विकार
- इधर भी तो देखो / मुकेश निर्विकार
- ...तो, मत पढ़ना मुझे / मुकेश निर्विकार
- फिर वही महाभारत कथा / मुकेश निर्विकार
- मेल-बेमेल / मुकेश निर्विकार
- दाना-पानी देती है सिर्फ यह धरा! / मुकेश निर्विकार
- अनन्त / मुकेश निर्विकार
- दो फाड़ / मुकेश निर्विकार
- जिंदगी: कई रंग / मुकेश निर्विकार
- जीने की प्रत्याशा में / मुकेश निर्विकार
- सुख / मुकेश निर्विकार
- आदमी की जिजीविषा को बहा नहीं पाती है बाढ़ भी / मुकेश निर्विकार
- बालकनी लव / मुकेश निर्विकार
- तख्ती पर सिद्धान्त / मुकेश निर्विकार
- युग-यथार्थ / मुकेश निर्विकार
- प्रेम का विस्तार / मुकेश निर्विकार
- जीवन यात्रा / मुकेश निर्विकार
- सुख-दु:ख का ताना-बाना / मुकेश निर्विकार
- अज्ञान का वजन / मुकेश निर्विकार
- काश! आज पिता होते / मुकेश निर्विकार
- पतंग और माँझे / मुकेश निर्विकार
- राजाओं के बिना धरती / मुकेश निर्विकार
- बच्चा! अनन्त संभावना / मुकेश निर्विकार
- महान पीड़ाओं का मर्म समझते ! / मुकेश निर्विकार
- स्वर्ग का नाला / मुकेश निर्विकार
- दूर मेरे गाँव में / मुकेश निर्विकार
- उसके हिस्से की दुनिया / मुकेश निर्विकार
- एक नमन् जीवट को / मुकेश निर्विकार
- तय है / मुकेश निर्विकार
- सबके दिल में... / मुकेश निर्विकार
- काश! आदमी सिर्फ आदमी होता! / मुकेश निर्विकार
- अपने आसमान में उन्मुक्त / मुकेश निर्विकार
- छाती के हाड़ से दूध झर रहा है! / मुकेश निर्विकार
- प्रतिफल / मुकेश निर्विकार
- एक प्रार्थना / मुकेश निर्विकार
- आखिर क्यों? / मुकेश निर्विकार
- कलियुग में अवतार / मुकेश निर्विकार
- मैं हैरान हूँ! / मुकेश निर्विकार
- तुम वही आदिममानव! / मुकेश निर्विकार
- ‘फेंकनी’ की माय ‘फगुनिया’ को / मुकेश निर्विकार
- कठघरे में कुदरत / मुकेश निर्विकार
- सिरजनहार से कुछ सवाल / मुकेश निर्विकार
- सातों रंग उनके / मुकेश निर्विकार
- बेसब्रों के नाम / मुकेश निर्विकार
- संग राजा का / मुकेश निर्विकार
- निरबंसिया की वंश-बेलि / मुकेश निर्विकार
- बारिश और भगवान / मुकेश निर्विकार
- हत्यारी सदी में जीवन की खोज (कविता) / मुकेश निर्विकार
- दर्शक एक मौन हूँ! / मुकेश निर्विकार
- ऐ दिल! / मुकेश निर्विकार
- शहरीकरण / मुकेश निर्विकार