तेरे साथ होने का फकऱ्
अब मेरी मुस्कानों में साफ झलकता है
फिर से कुछ नया कर गुजरने को जी करता है
थमी, ठहरी-सी थी दुनिया ये मेरी
मगर
अब हर क़दम तेरे साथ रख
नयी दिशा को मुडने की तम्मना रखता है
तेरे साथ होने का फकऱ्
अब मेरी मुस्कानों में साफ झलकता है
फिर से कुछ नया कर गुजरने को जी करता है
थमी, ठहरी-सी थी दुनिया ये मेरी
मगर
अब हर क़दम तेरे साथ रख
नयी दिशा को मुडने की तम्मना रखता है