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फूल-1 / वेणु गोपाल

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फूल

इन्तज़ार करता है

एक अदद हाथ का

मंच पे आने के बाद


लेकिन

अक्सर

परदा

उठने से

पहले ही


पसीने और मिट्टी में

लथपथ होकर

हाथ


सब-कुछ भूल चुका

होता है

फूल के बाबत।


(रचनाकाल : 23.05.1979)