सड़क पर सब केहू द उड़े खुड़पेड़िया समय बचावेले सँफ नीहर ई छिलबिल छिलबिल सबका मन के भावेले उबड़ खाबड़ ऊँच नीच जीवम हमनी के सिखावेले मंजिल पर बिन समय गँववले ई सभका के पँहुचावेले। लालच बढ़ल अ इसन डरेर बनत ग इल छोट मिट ग इल खुड़पेड़िया