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साथिया पुरावो / गुजराती लोक गरबा

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हे रणचंडी दुर्गा चामुंडा

करता सवनी रखवाली

हे माजी करता सवनी रखवाली

हे महिसासुर मर्दिनी अम्बिका जै जै माँ गबर वाली

जै जै माँ आरासुर वाली

खेडब्रह्मा ना खोले रमता बाला घुमे बहुचर वाली

गरबे रमवा ने आवो

बाल साहू विनवे माँ पवावाली माँ जै जै माँ गबर वाली...


साथिया पुरावो द्वारे, दिवडा प्रग्टावो राज

आज मारा आँगणे पधारशे माँ पावावाली

जै अम्बे जै अम्बे अम्बे जै जै अम्बे...


वान्झिया नो मेलो पाले रमवा राजकुमार दे

खोळा नो खुन्दनार दे

कुंवारी कन्या ने मनगम्तो भरतार दे

प्रीतमजी नो प्यार दे

निर्धन ने धन धान आपे

राखे माड़ी सवनी लाज

आज मारा आँगणे पधारशे माँ पावावाली


साथिया पुरावो द्वारे, दिवडा प्रग्टावो राज

आज मारा आँगने पधारशे माँ पावावाली

जै अम्बे जै अम्बे अम्बे जै जै अम्बे...