पहले वह रंग थी
फिर रूप बनी
रूप से ज़िस्म में तबदील हुई
और फिर ज़िस्म से बिस्तर बन कर
घर के कोने में लगी रहती है
जिसको...
कमरे में घुटा सन्नाटा
वक़्त-बेवक़्त उठा लेता है
खोल लेता है, बिछा लेता है।
पहले वह रंग थी
फिर रूप बनी
रूप से ज़िस्म में तबदील हुई
और फिर ज़िस्म से बिस्तर बन कर
घर के कोने में लगी रहती है
जिसको...
कमरे में घुटा सन्नाटा
वक़्त-बेवक़्त उठा लेता है
खोल लेता है, बिछा लेता है।