Last modified on 12 मई 2021, at 20:15

कोई नया हिसाब लगाया गया है कल / फूलचन्द गुप्ता

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:15, 12 मई 2021 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=फूलचन्द गुप्ता |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कोई नया हिसाब लगाया गया है कल ।
बुझता हुआ अलाव जलाया गया है कल ।

मैं भी तमाशबीन में शामिल किया गया,
मुझको कटी ज़बान बुलाया गया है कल ।

सज़दा नशीन देश में फिर से हुआ फ़रेब,
आला हसीन ख़्वाब दिखाया गया है कल ।

घर के क़रीब, रात जलाया गया किसे ?
किसको मसान घाट बताया गया है कल ?

फिर से मशाल बोझ बताने लगे हमें,
फिर से डिफ्यूज बल्ब थमाया गया है कल ।