Last modified on 24 नवम्बर 2021, at 09:47

गुमान / परवीन शाकिर

Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:47, 24 नवम्बर 2021 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैं कच्ची नींद में हूँ
और अपने नीमख़्वाबिदा तनफ़्फ़ुस में उतरती
चाँदनी की चाप सुनती हूँ
गुमाँ है
आज भी शायद
मेरे माथे पे तेरे लब
सितारे से बात करते हैं